परिचय
भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हेतु सेवोत्तम ढांचा तैयार किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रदेश की समस्त चिकित्सा संस्थाओं में प्रदाय की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु सेवोत्तम मॉडल लागू किया जाए। जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाय उत्कृष्ट रूप से नागरिकों तक पहुंच सके। प्रदेश में राइट्स संस्था द्वारा भोपाल जिले में सेवोत्तम मॉडल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है और इसे अत्यधिक उपयोगी पाया है। सेवोत्तम मॉडल के तहत प्रदेश की चिकित्सा संस्थायें स्वयं मूल्यांकन कर उपलब्ध संसाधनों के अन्तर्गत स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है।
पायलट रन की सफलता के उपरांत वर्ष 2012 में अकादमी में सेवोत्तम सेल की स्थापना प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा की गई।
सेवोत्तम मॉडल-
सेवोत्तम का शाब्दिक अर्थ है ‘’उत्तम सेवा’’ अर्थात् सेवाओं में उत्कृष्टता लाना। सेवोत्तम मॉडल के अन्तर्गत मूल रूप से तीन गतिविधियॉं मुख्य है-
- नागरिक अधिकार पत्र (सिटीजन चार्टर)
- लोक शिकायत समाधान प्रणाली
- सेवा प्रदाय प्रणाली क्षमता विकास
उक्त तीनों मुख्य गतिविधियों को मॉडयूल के रूप में तीन कसौटियों और 11 तत्वों के आधार पर विभाजित कर सार्वजनिक लोक सेवा प्रदाय प्रणाली को सुधारने के लिए सेवोत्तम मॉडल तैयार किया गया है। इस मॉडल की मुख्य विशेषता है कि संस्था को अपना स्वयं का मूल्यांकन करना है और ज्ञात करना है कि संस्था सेवोत्तम मॉडल लागू करने हेतु किस स्तर तक तैयार है व क्या – क्या आवश्यक सुधार किया जाना है।
लक्ष्य
गरीबी उन्मूलन के लिए क्षमता संवर्धन
उद्देश्य
- हितग्राहियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर सेवा प्रदाय को संसाधित कर व्यवस्थित करना ।
- राज्य सरकार के प्रमुख विभागों में क्षमता संवर्धन आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना जिससे कि लोक उपयोगी सेवाओं का आसानी से लाभ मिल सके।
- सरकारी संगठनों में गुणवत्ता सुधार हेतु आई एस 15700 प्रमाण पत्र प्राप्त करना।